कुछ भाव जो व्यक्त नहीं कर पाई, कुछ दर्द जो बाँट नहीं पाई,अब लेखनी से वो सारे पल जीना चाहती हूँ,जो इस जीवन की भागदौड में कहीं बहुत पीछे रह गए किन्तु टीसते रहे.......
बुधवार, 20 मार्च 2013
बस तुमसे है....
क्या उपमेय क्या उपमान नहीं जानती मैं कैसे आता है कविता में सौन्दर्य नहीं जानती मैं . अलंकारो से अपरिचित मेरे शब्द बस तुम्हारे प्रेम से अलंकृत है... मेरे शब्दों का सौन्दर्य बस तुमसे है.. राग ,नेह ,दर्द बस तुमसे है....
खूबसूरत भाव!
जवाब देंहटाएंमेरे शब्दों का सौन्दर्य
जवाब देंहटाएंबस तुमसे है..
राग ,नेह ,दर्द
बस तुमसे है....
बेहतर भावाभिव्यक्ति ....!!!