बुधवार, 8 अगस्त 2012

व्याख्या


कुछ साथ
आदत
बन जाते है,
और बदल देते है
रास्ते ..
बन कर ख्वाब
बिछ जाते है ,
आँखों की नमी में,
और दे जाते है
एक सुनहरी दुनियां,
जहाँ सम्बन्ध
व्याख्या
के मोहताज नहीं होते ,
मुकद्दर
कुछ नहीं
बिगाड़ पाता उनका ,
और वो
अव्याख्यित
रिश्ते बन जाते है
जीवन का
सबसे बड़ा
सच,
मै ,तुम की
परिधि
से परे........