अबोधता वरदान है
न जानना जानने से बेहतर है
जानना छीन लेता है सहजता
और देता है क्षमता
आँखों को बुद्धि को
दिखने लगते हैं कपड़ों
में लिपटे नग्न लोग ...
दिखती है मुस्कान के
पीछे की विद्रूपता
दिखती है सहयोग
के पीछे साजिश ...
मैं अबोध ही भली...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें