कुछ साथ
आदत
बन जाते है,
और बदल देते है
रास्ते ..
बन कर ख्वाब
बिछ जाते है ,
आँखों की नमी में,
और दे जाते है
एक सुनहरी दुनियां,
जहाँ सम्बन्ध
व्याख्या
के मोहताज नहीं होते ,
मुकद्दर
कुछ नहीं
बिगाड़ पाता उनका ,
और वो
अव्याख्यित
रिश्ते बन जाते है
जीवन का
सबसे बड़ा सच,
मै ,तुम की
परिधि
से परे........
right you are there...ye anam, awyakhaytit rishte bade madhur hote hain and the sweetness lingers on in our memory
जवाब देंहटाएंमधुरिमा जी ,आभार आपका .........कविता के मर्म को समझा आपने ...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर.....इसीलिये अब मै और तुम नही बल्कि "हम" है। :)
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने ....आभार ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
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